
इस प्रकार था पिछले एक महीने का घटनाक्रम

२.डीजी
बंजारा आसाराम बापू के अनन्य भक्त हैं और बापू की गिरफ्तारी से वे टूट गए। अभी तक
बापू उन्हें हिम्मत दे रहे थे। जब वे ही अंदर हो गए तो बंजारा का धैर्य जवाब दे
गया और उन्होंने लेटर बम फोड़ दिया।
३.नरेन्द्र
मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने से पार्टी के भीष्मपितामह को
रामचरित मानस के कैकयी चरित्र की कथा याद आ गई और वे कोप भवन में चले गए।

५.गुजरात
की खुफिया पुलिस की जांच में सामने आया कि बंजारा से मोदी के खिलाफ चिट्ठी लिखवाने
वालों में कैकयीकांड पढऩे वाले पितामह और एनडीए शासन काल में गुजरात से मंत्री रहे
एक नेताजी का हाथ है। पाठकगण अगर इस मंत्री का नाम जानना चाहते हैं तो वाजपेयी
मंत्रिमंडल की लिस्ट खंगाल सकते हैं।
६.मुजफ्फरनगर
के दंगे में चार दर्जन की मौत हुई सैकड़ो घायल। भडक़ाने वाले भाषण देने वाले नेता
अभी भी बाहर घूम रहे हैं।
इस घटनाक्रम का परिणाम यह हुआ

२.आशाराम
बापू का केस अब अदालत में अब देश के सबसे बड़े वकील रामजेठमलानी लड़ेंगे। इसके लिए
उन्हें सुप्रीम कोर्ट तक जाना पड़ सकता है।
३.मुजफ्फरनगर
में दंगों की आंच पर वोट की रोटी सेंकने के लिए नेताओं का दंगा टूरिज्म शुरू हुआ।
आगे यह हो सकता है..
१.डीजी
बंजारा का केस भी रामजेठमलानी लड़ सकते हैं और उन्हें ६ महीने के भीतर जेल से बाहर
लाएंगे। इसके बाद अन्य पुलिसकर्मचारियों को बाहर लाने के लिए वे ही केस लड़ सकते हैं।
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