सोमवार, 16 सितंबर 2013

ये है राजनीति के बिग बास के घर की कुछ चालें




कुछ खबरें या यूं कहें कि खबरों के कुछ तथ्य हैं। पहले इन तथ्यों को क्रमवार लिखा गया है और फिर इसके क्या परिणाम हुए ये बताया गया है। आगे क्या हो सकता है इसका भीअनुमान लगाने का प्रयास किया गया है। घटनाक्रम में बंजारा का लेटरबम, आसाराम बापू गिरफ्तारी, नमो का पीएम पद का उम्मीदवार घोषित होना, पितामह का कैकयीकांड पढऩा, कोर्ट में बापू की पैरवी के लिए रामजेठमलानी का आना और मुजफ्फरनगर का दंगा शामिल है।


इस प्रकार था पिछले एक महीने का घटनाक्रम
१.सोहराबुद्दीन एनकाउंटर केस में मुम्बई की जेल में बंद गुजरात के निलंबित आईपीएस डीजी बंजारा ने पिछले दिनों एक लेटर बम लिखा था। इसमें  मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के संबंध में कहा गया था कि उन्होंने अमित शाह को जेल से छुड़वाने के लिए देश के जाने- माने वकील रामजेठमलानी को हायर किया और उन्हें और अन्य पुलिस कर्मियों को छुड़वाने के लिए कुछ नहीं किया।

२.डीजी बंजारा आसाराम बापू के अनन्य भक्त हैं और बापू की गिरफ्तारी से वे टूट गए। अभी तक बापू उन्हें हिम्मत दे रहे थे। जब वे ही अंदर हो गए तो बंजारा का धैर्य जवाब दे गया और उन्होंने लेटर बम फोड़ दिया।

३.नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने से पार्टी के भीष्मपितामह को रामचरित मानस के कैकयी चरित्र की कथा याद आ गई और वे कोप भवन में चले गए।
४.देश के सबसे बड़े वकील रामजेठमलानी के जन्मदिन की  पार्टी में नरेन्द्र मोदी, रामजेठमलानी और लालकृष्ण आडवाणी मिले। कुर्सियों पर ये इसी क्रम बैठे हुए थे। चित्र देखें।
५.गुजरात की खुफिया पुलिस की जांच में सामने आया कि बंजारा से मोदी के खिलाफ चिट्ठी लिखवाने वालों में कैकयीकांड पढऩे वाले पितामह और एनडीए शासन काल में गुजरात से मंत्री रहे एक नेताजी का हाथ है। पाठकगण अगर इस मंत्री का नाम जानना चाहते हैं तो वाजपेयी मंत्रिमंडल की लिस्ट खंगाल सकते हैं।
६.मुजफ्फरनगर के दंगे में चार दर्जन की मौत हुई सैकड़ो घायल। भडक़ाने वाले भाषण देने वाले नेता अभी भी बाहर घूम रहे  हैं।

इस घटनाक्रम का परिणाम यह हुआ

१.भाजपा के पितामह ने प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी की तारीफ की । खासकर बिजली के क्षेत्र में किए गए सुधारों की। कहीं भविष्य में करंट न लग जाए।
२.आशाराम बापू का केस अब अदालत में अब देश के सबसे बड़े वकील रामजेठमलानी लड़ेंगे। इसके लिए उन्हें सुप्रीम कोर्ट तक जाना पड़ सकता है।
३.मुजफ्फरनगर में दंगों की आंच पर वोट की रोटी सेंकने के लिए नेताओं का दंगा टूरिज्म शुरू हुआ।

आगे यह हो सकता है..

१.डीजी बंजारा का केस भी रामजेठमलानी लड़ सकते हैं और उन्हें ६ महीने के भीतर जेल से बाहर लाएंगे। इसके बाद अन्य पुलिसकर्मचारियों को बाहर लाने के लिए वे ही केस लड़ सकते हैं।

समझ गए आप..

राजनीति के बिगबास के  स्वर्ग और नर्क में चालें कैसे चली जाती हैं.. .. ..

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